व्रती महिलाएं रंग-बिरंगे वस्त्रों में सुसज्जित होकर सिर पर टोकरी में ठेकुआ, फल और अन्य प्रसाद लेकर जल में खड़ी रहीं। जैसे ही सूर्य की पहली किरण आकाश में फैली, वैसे ही “छठी मइया” के जयकारों से पूरा वातावरण गुंजायमान हो उठा। श्रद्धालुओं ने सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित कर अपने परिवार के मंगल की कामना की।
गया प्रसाद तालाब पर समाजसेवी संस्थाओं द्वारा श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद वितरण और पेयजल की व्यवस्था की गई थी।
श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए पुलिस प्रशासन और नगर पंचायत की ओर से विशेष सुरक्षा और सफाई व्यवस्था की गई थी। स्थल पर चौकी इंचार्ज अमरजीत सिंह अपने दलबल के साथ तैनात रहे। वहीं, नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि अदनान फिरोज ने सफाई टीम और सहयोगियों के साथ विभिन्न घाटों का भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
छठ पर्व को लेकर न सिर्फ नगर बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों लालनगर, परसपुर, करौंदा, हरैया, गैसड़ी आदि से भी श्रद्धालु तुलसीपुर पहुंचे। पूरा क्षेत्र भक्ति गीतों और “जय छठी मइया” के नारों से गूंज उठा। देवीपाटन सरोवर और गया प्रसाद तालाब के किनारे भक्तिमय संगीत की धुनों पर महिलाएं झूम उठीं।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचारक जितेंद्र कुमार भी स्वयंसेवकों के साथ पहुंचे और श्रद्धालुओं की सेवा में सहयोग किया।
चार दिनों तक चले इस महापर्व का समापन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ हुआ। हर ओर श्रद्धा, भक्ति और पवित्रता का अद्भुत संगम दिखाई दिया। छठी मइया के जयघोष के बीच जब सूर्य की पहली किरण जल में पड़ी, तो ऐसा लगा मानो आस्था ने एक बार फिर सूर्य के साथ नया सवेरा रच दिया हो।
