बलरामपुर। 18 ट्रेड से जुड़े कारीगर एवं शिल्पकारों को प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना के तहत उन्हें प्रशिक्षित कर उनके व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। जिसको लेकर पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई है।
योजना की जानकारी देते हुए उपयुक्त उद्योग ने बताया कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत देश के परम्परागत 18 ट्रेड से जुड़े कारीगरों बढ़ई, अस्त्राकार, नाव बनाने वाले, लोहार, ताला बनाने वाले, हथौड़ा और टूल किट बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मरम्मतकार, मोची, राजमिस्त्री टोकरी ,चटाई ,झाडू बनाने वाले गुडिया और खिलौना बनाने वाले, नाई, माली, धोबी, दर्जी, मछली का जाल बुनने वाले को "विश्वकर्मा" के रूप में विशिष्ट पहचान दिलाते हुए उनकी कौशल वृद्धि, उन्नतशील टूल्स, कोलेट्रल फ्री ऋण, डिजिटल भुगतान एवं ब्रांडिंग सपोर्ट करने का उद्देश्य निर्धारित किया गया है।
बताया कि योजनान्तर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु लाभार्थी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष है। लाभार्थी को स्वतः जन सेवा केन्द्र (सी०एस०सी०) के माध्यम से अपने को किसी एक ट्रेड में पंजीकृत कराना है। सम्बन्धित ट्रेड में लाभार्थी को 05 दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान कराया जायेगा, जिसके उपरान्त लाभार्थी को रू0 15000.00 का ई-वाउचर दिया जायेगा, जिससे लाभार्थी अपने ट्रेड के टूलकिट को खरीद सकेगा।
टूलकिट प्राप्त कर रोजगार प्रारम्भ करने वाले लाभार्थी को इच्छुक होने पर रू. 1.00 लाख का ऋण 5 प्रतिशत सामान्य ब्याज पर बगैर किसी गारन्टी के बैंक द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा। उपरोक्त प्रथम चरण में लिये गये ऋण को चुका देने पर लाभार्थी को 15 दिन का प्रशिक्षण दिलाया जायेगा, और पुनः इच्छुक होने पर रू 2:00 लाख का ऋण 5 प्रतिशत ब्याज पर बगैर किसी गारण्टी के उपलब्ध कराया जायेगा ।
इच्छुक व्यक्तियों द्वारा "पी०एम० विश्वकर्मा योजना' के ऑनलाइन पोर्टल पर जन सुविधा केन्द्रों के माध्यम से बायोमैट्रिक आधार वैरिफिकेशन कराये जाने के पश्चात् आनलाईन आवेदन किया जा सकता है। बताया कि किसी भी प्रकार की जानकारी को लेकर कार्यालय-जिला उद्योग प्रोत्साहन एवं उद्यमिता विकास केन्द्र, उतरौला रोड़, धर्मपुर, बलरामपुर में सम्पर्क किया जा सकता है तथा अधिक जानकारी हेतु कार्यालय के सहायक प्रबन्धक के मो० नं0-9125703354 पर सम्पर्क कर सकते हैं।