प्रभाकर कसौधन
बलरामपुर: सशस्त्र सीमा बल (SSB) की 9वीं वाहिनी कोयलावास चौकी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के तत्वावधान में भारत-नेपाल मैत्री होली मिलन समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस समारोह में भारत और नेपाल के सैकड़ों नागरिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, व्यापार मंडल के सदस्यों और पदाधिकारियों ने सहभागिता की।
मुख्यातिथियों की गरिमामयी उपस्थिति
समारोह के मुख्य अतिथि आरएसएस के अवध प्रांत प्रचारक यशोदा नंद थे। नेपाल से देवखुरी उद्योग वाणिज्य संघ के कोषाध्यक्ष हरि बहादुर थापा, केशव राज पोखरेल और अनिल थापा समेत कई वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे। नेपाल हिंदू स्वयंसेवक संघ के संभाग प्रचारक पंकज शर्मा ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
कार्यक्रमक मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुएसंस्कृति और धर्म पर जोर
अपने संबोधन में यशोदा नंद ने भारत-नेपाल की सदियों पुरानी मित्रता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह संबंध केवल भौगोलिक सीमाओं तक सीमित नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्तर पर भी अटूट है। उन्होंने जनकपुर की माता सीता और अयोध्या के भगवान राम के संबंध का उल्लेख करते हुए रोटी-बेटी के संबंध को सशक्त करने का आह्वान किया।
पंकज शर्मा ने कहा कि भारत-नेपाल का संबंध सनातन धर्म के विस्तार का प्रतीक है। उन्होंने दोनों देशों के बीच प्रशासनिक चुनौतियों को औपचारिक बैठकों के माध्यम से हल करने की बात कही।
व्यापारिक और सामाजिक संबंधों पर चर्चा
देवखुरी उद्योग वाणिज्य संघ के हरि बहादुर थापा ने दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने पर जोर दिया। उन्होंने प्रशासनिक अड़चनों और आवागमन में आ रही समस्याओं का समाधान निकालने के लिए ठोस प्रयासों की आवश्यकता बताई।
नेपाल भ्रमण पर आने वाले भारतीय मैत्री समिति के सदस्यों के लिए निशुल्क आवास की व्यवस्था का आश्वासन भी दिया गया। जरवा-कोयलावास मार्ग को व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बताते हुए इसे सुगम बनाने की अपील की गई।
सम्मान और सांस्कृतिक स्वागत
कार्यक्रम में अतिथियों का तिलक लगाकर और रामचंद्र की मूर्ति भेंटकर स्वागत किया गया। थारु जनजाति की बेटियों ने अतिथियों का पारंपरिक तरीके से अभिवादन किया।
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
इस अवसर पर आरएसएस के विभाग प्रचारक प्रवीण, सौम्य अग्रवाल, जिला प्रचारक जितेंद्र, तुलसीपुर व्यापार मंडल अध्यक्ष रामकुमार गुप्ता, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विवेक गोयल और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
फूलों की होली से हुआ समापन
कार्यक्रम का समापन सभी अतिथियों और नागरिकों ने मिलकर फूलों की होली खेलकर किया। इस आयोजन को भारत-नेपाल के सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।