बलरामपुर। आदि शक्ति मां पाटेश्वरी पब्लिक स्कूल, तुलसीपुर में "विश्व धरोहर महाकुंभ 2025 - सनातन धर्म की अभिव्यक्ति" विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन भव्य और गरिमामय वातावरण में किया गया। इस अवसर पर संगोष्ठी के संरक्षक देवी पाटन शक्ति पीठ के पीठाधीश्वर पूज्य योगी मिथलेश नाथ जी महाराज एवं मुख्य अतिथि के रूप में मां पाटेश्वरी विश्वविद्यालय बलरामपुर के कुलपति प्रो. रवि शंकर सिंह उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की प्रतिमा एवं मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्वलन के साथ हुई। विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. डी.पी. सिंह एवं कुलपति महोदय ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर संगोष्ठी का औपचारिक उद्घाटन किया।
प्रधानाचार्य डॉ. डी.पी. सिंह ने अतिथियों का पारंपरिक तरीके से साल ओढ़ाकर एवं रामचरितमानस भेंटकर स्वागत किया और संगोष्ठी की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महाकुंभ केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय सनातन संस्कृति की जीवंत परंपरा है, जो सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक चेतना का अद्वितीय उदाहरण है।
मुख्य वक्ता प्रो. रवि शंकर सिंह ने अपने उद्बोधन में महाकुंभ की ऐतिहासिक परंपरा, वैदिक प्रमाण, समुद्र मंथन की कथा से लेकर वर्तमान समय तक की घटनाओं को जोड़ते हुए विद्यार्थियों को सनातन धर्म की गहराइयों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति के बावजूद अनुशासन, सौहार्द और समरसता का वातावरण अद्वितीय होता है। यह आयोजन राष्ट्रीय एकता, धार्मिक चेतना एवं भारतीय संस्कृति की गौरवशाली विरासत को संजोए रखने का प्रतीक है।
कार्यक्रम के अंत में उप-प्रधानाचार्य श्री उमानाथ पाण्डेय ने समस्त अतिथियों, शिक्षकों, विद्यार्थियों और गणमान्य नागरिकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के प्रति महाकुंभ के सफल संचालन हेतु विद्यालय परिवार की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया।
संगोष्ठी में विद्यालय के शिक्षकगण, छात्र-छात्राएं एवं स्थानीय नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। यह आयोजन विद्यार्थियों में भारतीय संस्कृति के प्रति गर्व, समझ और जागरूकता का भाव जाग्रत करने में सफल रहा।