दूर-दराज से बड़ी संख्या में भक्तगण, मंदिर से जुड़े शिष्य और संत यहां पहुंचे।
कार्यक्रम का शुभारंभ देवीपाटन पीठाधीश्वर मिथिलेश नाथ योगी महाराज ने परंपरागत ढंग से किया। उन्होंने सर्वप्रथम गुरु पीठ का पूजन कर विधिवत गुरु परंपरा का स्मरण किया। इसके बाद वैदिक मंत्रोच्चार और वैदिक वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनियों के बीच मां पाटेश्वरी देवी का अभिषेक और पूजन संपन्न हुआ। मंदिर परिसर घंटा-घड़ियाल और शंखध्वनि से गूंज उठा।
पूजन के बाद देवीपाटन मंदिर पहुंचे शिष्यों और संतों ने पीठाधीश्वर का पूजन किया और उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। परंपरा के अनुसार गुरु को पुष्प, वस्त्र और दक्षिणा अर्पित कर शिष्यों ने उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। मंदिर प्रांगण में हवन-पूजन के दौरान उपस्थित श्रद्धालु मंत्रोच्चार में लीन नजर आए।
गुरु पर्व के इस अवसर पर मंदिर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती कराई गई ताकि भीड़ को व्यवस्थित रखा जा सके।
कार्यक्रम में कई गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे।
इनमें भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंह, तुलसीपुर विधायक कैलाश नाथ शुक्ला, पुलिस क्षेत्राधिकारी तुलसीपुर, मंदिर चौकी प्रभारी, भाजपा नेता विजय सिंह, राम ब्लॉररक प्रमुख प्रतिनिधि प्रवीण सिंह विक्की, नगर पंचायत तुलसीपुर के अधिशासी अधिकारी प्रवीण दूबे और समाजसेवी अरुण गुप्ता , सनातन जागृति मंच के संयोजक दिलीप गुप्ता मौजूद रहे।
मंदिर प्रबंधन समिति के अनुसार, देवीपाटन मंदिर में गुरु पूर्णिमा के दूसरे दिन गुरु पूजन की परंपरा सदियों से चली आ रही है। श्रद्धालुओं ने कहा कि यह पर्व गुरु और शिष्य के अटूट संबंध को और भी दृढ़ करता है।