शारीरिक शिक्षक रूपेंद्र कुमार त्रिपाठी ने मेजर ध्यानचंद के जीवन से जुड़े प्रेरणादायक प्रसंग साझा करते हुए बताया कि जर्मनी के तानाशाह हिटलर ने एक बार मेजर ध्यानचंद को अपने देश से खेलने का प्रस्ताव दिया था और उन्हें नागरिकता तक देने की बात कही थी। लेकिन उन्होंने गर्व से अपने देश भारत को चुना और देश की शान बढ़ाई।
कार्यक्रम का संचालन शारीरिक शिक्षक शाहिद अली खान ने किया।
इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाएँ आशीष कुमार, संदीपिका रावत, विकास सिंह, देवांश मिश्रा, पवन सिंह, आकिब खान, अमन शुक्ला, आशीष शुक्ला, संदीप श्रीवास्तव, पल्लवी सिंह, मनीता यादव सहित अन्य स्टाफ मौजूद रहे।
वहीं विद्यालय के स्पोर्ट्स कैप्टन फैज़ान, स्मृति शुक्ला, तनिशा सोनी, हर्षवर्धन,
उमा, श्रीजा समेत बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने कार्यक्रम में भाग लिया और मेजर ध्यानचंद को नमन किया।