बलरामपुर। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी के द्वारा कार्यों में की जा रही लापरवाही की सूचना उच्चाधिकारियों को देने पर हमारे खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है,जो उचित नहीं है। यह कहना जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. मुकेश कुमार रस्तोगी का है।
मंगलवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए सीएमओ ने बताया है कि कोलकाता में महिला ट्रेनी चिकित्सक के साथ हुयी घटना को लेकर विगत दिनों मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में आयोजित विरोध प्रदर्शन को जान बूझ कर गलत तरीके से मुख्य चिकित्सा अधिकारी के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन के रूप में प्रचारित कराया गया है। जो असत्य व निराधार है। यह ठीक नहीं है। ये लोग अपने कर्मोकार्यों के प्रति उदासीन है, तथा अपने पदीय दायित्वों का ठीक प्रकार से निर्वहन नही कर रहे हैं। लापरवाही, उदासीनता बरतने के कारण इन लोगों के खिलाफ उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया था जिसके विरोध में इनके द्वारा दबाव बनाने के लिए ऐसा कराया जा रहा है। जो उचित नहीं है।
जनपद में बीते दिनों मुख्य चिकित्सा अधिकारी के संबंध में एक खबर पोस्ट वायरल है जिसमें दावा किया गया है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा फर्जी तरीके से जानबूझकर कर्मियों को अनुपस्थित किया जा रहा है और उनके ऊपर कारवाई की जा रही है।जिसपर जिस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी बलरामपुर डॉक्टर मुकेश कुमार रस्तोगी ने लेटर जारी कर मीडिया कर्मियों को अवगत कराते हुए कहा कि यह गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है यह जानबूझकर बदनाम करने की कोशिश की गई है।
वायरल खबर में कहां गया था कि मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ मुकेश कुमार रस्तोगी के प्रति उनके ही अधीनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। शनिवार को तीन अपर सीएमओ के नेतृत्व में सीएमओ कार्यालय के सभी कर्मियों ने अल्प समय के लिए काम काज ठप कर प्रदर्शन किया। विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों ने मांग किया कि सीएमओ लगातार उन लोगों का मानसिक उत्पीड़न कर रहे हैं। इनके विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की जाए। अन्यथा वे लोग पूर्ण रूप से काम काज बंद कर धरने पर बैठ जाएंगे।
वही वायरल खबर पोस्ट के माध्यम से कहा गया था कि सीएमओ डॉ मुकेश कुमार रस्तोगी ने खुन्नस में अपने अधीनस्थ कई अपर सीएमओ और वरिष्ठ सहायकों का डीओ लिख दिया है। इससे भी विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों में सीएमओ के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है। एनएचएम से सम्बन्धित अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने बताया कि सीएमओ की शिथिलता के कारण कई योजनाओं का लाभ लाभार्थियों को नहीं मिल पा रहा है। बजट भी नहीं खर्च हो पा रहा है। बेवजह फाइलों को लम्बित रखा जा रहा है।