व्यापारी अलाउद्दीन रिंकू, जीवन लाल और सुरेश गुप्ता ने बताया कि “यहां पानी की स्थिति इतनी खराब है कि पीने के लिए तो क्या, हाथ धोने तक के लिए पानी नहीं है। अगर किसी को शौच जाना पड़े तो मंडी से बाहर का रास्ता ही देखना पड़ता है।”
मंडी में करीब दो दर्जन थोक व्यापारी पंजीकृत हैं, जबकि दर्जनों फुटकर व्यापारी रोजाना कारोबार के लिए आते हैं। इसके अलावा सैकड़ों किसान गल्ला और सब्जी की खरीद-बिक्री के लिए मंडी पहुंचते हैं। पानी की किल्लत से न केवल व्यापार प्रभावित हो रहा है बल्कि साफ-सफाई और स्वच्छता की व्यवस्था भी चरमरा गई है।
मंडी निरीक्षक ने बताया कि जल संकट को लेकर कई बार उच्च अधिकारियों को पत्र भेजे जा चुके हैं। “एसडीएम के माध्यम से निर्माण विभाग को समस्या से अवगत कराया गया है। पानी की आपूर्ति बहाल कराने के लिए प्रयास जारी हैं।
व्यापारियों और किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि मंडी में पानी की टंकी की मरम्मत कराकर जल्द से जल्द पेयजल व्यवस्था बहाल की जाए, ताकि व्यापारिक गतिविधियां सुचारु रूप से चल सकें और आने-जाने वालों को राहत मिल सके।